उत्तर प्रदेश सरकार ने हेलीकॉप्टर से मेरठ और उसके आसपास के जिलों में कांवड़ियों पर फूल बरसाने के लिए 14 लाख रुपए खर्च किए थे। लेकिन सरकार ने यह हेलीकॉप्टर कांवड़ यात्रा पर निगरानी करने के उद्देश्य से किराए पर लिया था। प्रदेश सरकार गृह विभाग से जारी 5 अगस्त की वह चिठ्ठी भी मिली है, जिसमें 7 से 9 अगस्त के बीच मेरठ और उसके आसपास के जिलों में कांवड़ियों पर निगरानी रखने के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर लिया गया था। आदेश के मुताबिक, सरकार ने यह हेलीकॉप्टर एयर चार्टर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से किराए पर लिया था। सरकार ने इस हेलीकॉप्टर के लिए 14.31 लाख रुपए का किराया चुकाया।
पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं तस्वीरों और वीडियो में मेरठ जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार और दूसरे पुलिस अधिकारी कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाते नजर आ रहे हैं। हालांकि गृह विभाग से जारी आदेश के मुताबिक अधिकारियों को फूल बरसाने का कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया था।
हालांकि तस्वीरें वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने बयान जारी किया था कि फूल बरसाना देश की संस्कृति है और स्वागत करने का एक तरीका है। यह एक संकेत है कि सरकार और प्रशासन कांवड़ यात्रियों का स्वागत कर रहा है। प्रशासन ने इसे केवल एक प्रतीकात्मक संकेत बताया था। पुलिस प्रशासन ने अपने बयान में कहा था कि पुलिस यह संदेश देना चाह रही है कि वे एक सहायक के रूप में कार्य कर रहे थे, न कि कांवड़ यात्रा पर नियंत्रण कर रही है। फूल बरसाने से किसी प्रकार के नियमों का उल्लंघन नहीं होता।
प्रदेश गृह विभाग ने 27 जुलाई को अपने आदेश में कहा था कि मेरठ रेंज में 4 से 9 अगस्त तक कांवड़ यात्रा पर निगरानी रखने के लिए हेलीकॉप्टर से निगरानी रखी जाएगी। उस वक्त पवन हंस लिमिटेड से हेलीकॉप्टर किराए पर लेने के लिए 21.64 लाख का बजट तय किया गया था।
लेकिन एयर चार्टर सर्विसेज यह काम कम कीमत में करने को राजी हो गया, जिसके बाद पुराना आदेश निरस्त कर दिया गया। कांवड़ यात्रा पर हवाई निगरानी करने का काम पहली बार किया गया था। 18 जुलाई को समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने हवाई निगरानी के आदेश जारी किया
खबर आज की सत्ता बहराइच से ब्यूरो चीफ आशीष कुमार की रिपोर्ट
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