तीसरे दिन भी शीतलहर का कहर,
चौपट हो गईं फसलें,
हाड़ कंपकंपाने वाली सर्दी अब भी जारी,
फिर जम गईं ओस की बूंदे, बर्फ बना बर्तनों का पानी,
नुकसान का अबतक आंकलन नहीं
इछावर, एमपी मीडिया पाइंट
तीसरे दिन भी इछावर तहसील के कई गांवों मे शीतलहर ने कहर बरपाया जबरदस्त ठंड ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है क्षेत्र के भाऊँखेड़ी,ब्रिजिशनगर,बोरदी
कलां,फांगिया,बावड़ियाचोर,कनेरिया,नादान,गुराड़ी,गाजीखेड़ी,मोगरा,कालापीपल,मुवाड़ा,खेजड़ा,बिछोली,ढाबलामाता,जामली,खेरी,प्रतापुरा,दुर्गपुरा,जमोनियाहटेसिंह,नापली सहित अनेक गांवों से चना,गैहूं,मसूर,बैगन,आलू,टमाटर,धना,बल्लर,गोभी आदि की फसलों को जबरदस्त नुकसान के समाचार हैं।
किसान गाजीखेड़ी के किसान ललित वर्मा,अर्जुन वर्मा,विजेन्द्र वर्मा,विनोद वर्मा,नारायणसिंह,विमलेश वर्मा, ग्राम मुवाड़ा के राहुल परमार,सोनू मीणा,ब्रजेंद्र दरबार, ब्रिजिशनगर के रामसिंह वर्मा,भाऊँखेड़ी के कमलेश वर्मा, फांगिया के इमारत लाल आदि ने बताया कि फसलों मे नुकसान का शुरुआती आंकलन अभी तक नहीं किया जा सका है।उत्तर की ओर से सर्द हवाएं आने के कारण सीहोर जिले मे मौसम ने ठंड की तरफ फिर करवट बदल ली है लगातार तीसरे दिन भी समूचा क्षेत्र शीतलहर की चपेट मे है बीती रात खेतों मे ओस की बूंदे फसल और वृक्षों पर जम गई वहीं कई घरों के बर्तनों मे रखा पानी फिर बर्फ बन गया।
सीहोर जिले के इछावर तहसील मे हाड़ कंपकंपा देने वाली सर्दी ने लोगों की दिनचर्या-जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। अलसुबह से बिस्तर छोड़ने के आदी लोग भी देर तक रजाई मे दुबकने को मजबूर हो गए। दिन मे अलावों का सहारा लेना पड़ रहा है।
वहीं ओस की बूंदें फसलों पर जमने और कई जगहों पर पानी के बर्फ मे तब्दील हो जाने के भी समाचार मिल रहे हैं। बड़ी बात यह है कि मौसम विशेषज्ञों के अनुसार फिलहाल शीतलहर से राहत के कोई आसार नज़र नहीं आ रहे हैं।
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इछावर/खेजड़ा/मुवाड़ा,
कड़ाके की ठंड का असर अब रवि की फसलों पर भी दिखाई देने लगा है!रविवार को लगातार बाहरी ठंड रहने के कारण ठंड जनजीवन प्रभावित हुआ,और पाला पड़ने से इछावर ब्लॉक के ग्राम खेजड़ा मुवाड़ा,सेमली जदीद ग्रामो में चना,सब्जियों,मटर,अरहर,सरसो,फसल प्रभावित हो गई !
ग्राम खेजड़ा निवासी
बनवारी लाल विश्वकर्मा,जितेंद्र सिंह ठाकुर,विकाश,नितेश,दीपक बंसीलाल,सुदामा,देवनारण गुजर,रमेस्वर गुजर,और
ग्राम मुवाडा निवासी ईश्वर सिंह ठाकुर,राजकुमार मीणा, गोलू मीणा,बलराम मीणा, सूनील कारीगर,विनोद सिंह,अमर सिंह,विजेंद्र,छोटु सिंह राजपुत,विजेंद्र सिंह दरबार,का कहना है,कि हमारे द्वारा फसल को ठंड से बचाने के लिए प्रयास किया गया लेकिन नाकामयाब रहा सुबह के समय खेत के मेरो पर घास कचरा जलाकर खेत में धुंआ फैलाया लेकिन ठंड इतनी कड़ाके की थी की फसल बच नहीं बच पाई !
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