2014 में मोदी जी के लहर में शाहनवाज नहीं निकल सके इस बार भी उन्हें भागलपुर से हाथ धोना पड़ा। पूरे पांच साल में जो भागलपुर में काम किया भागलपुर जिला टिकट बैनर,बड़ी संख्या में टोपीया बनवाली।  भागलपुर के लोग टोपी लगाकार गंगा किनारे में खूब फोटो खिंचवाया टोपी में एक तरफ नरेन्द्र मोदी जी दुसरी तरफ शाहनावाज के फोटो लगे थे। दिल्ली के गलियारा में चर्चा था कि भागलपुर के सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारेते है तो हार का सामना करना पंडेगा। इसलिए भाजपा के बडे नेता जदयू बड़े भाई को सीट दे दिया कहावत है कि सांप भी मर जाए और लाठी भी नहीं टूटे। अब शाहनावाज जी को भागलपुर बहुत दुर हो गयी।  अब वीआईपी रास्ता से राज्यसभा ही जा सकते है। शाहनवाज जी भागलपुर के अल्पसंख्यक जनता आप से दुर रहना ही पंसद कर रहा है।


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