पटना : पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं जगदेव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागमणि जी आज राष्ट्रीय लोक समता पार्टी से त्याग पत्र दे दिया। त्याग पत्र देने वालों में राष्ट्रीय महासचिव प्रदीप मिश्रा, प्रो. अभयानंद सुमन पटेल, संतोष कुमार प्रसाद, राजीव जायसवाल, क्रांति प्रकाश, सत्येन्द्र कुमार, मनोरंजन कुमशवाहा, रंजीत कुमार सिंह, अमरेन्द्र वर्मा, मनीष शर्मा, चुन्ने खां, आदि ने आज पार्टी से त्याग पत्र दे दिया।
वहीं नागमणि और प्रदीप कुमार मिश्रा ने संयुक्त प्रेसवार्ता में एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि जब उपेन्द्र कुशवाहा भारत सरकार के मानव संसाधन राज्य मंत्री थे उस समय मोतिहारी लोकसभा क्षेत्र से टिकट देने के नाम पर करोड़ों रुपया ठग लिया। 45-45 लाख रुपया बैंक खाते में भेजा था जिसका खाता नम्बर 31286341829, दिसम्बर माह में भेजा गया था। श्री मिश्रा ने कहा कि मैं व्हाईट मनि को उपेन्द्र कुशवाहा को पार्टी चलाने के लिए दस से 15 करोड़ खर्च किया गया। गांधी मैदान में शिक्षा सुधार में जितना खर्च हुआ उसका खर्च मैंने उठाया। फिर हमसे दोबारा पैसे की मांग की तो हमने पैसे नहीं दी। उसके बाद उन्होंने मोतिहारी सीट के लिए दूसरे उम्मीदवार को खोज लिया, जो पार्टी में उन्हें राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता बनाया गया और माधव आनंद के साथ भी नौ करोड़ रुपया में मोतिहारी का टिकट पक्का करवा लिया और हमें चुनाव से मना दिया गया।
श्री नागमणि ने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा केवल अपने आपको समाजवादी नेता कहकर गरीबों को ठगा। कुशवाहा समाज आलू-प्याज और सब्जी उपजा आगे बढऩे का काम किया तथा अपने खून-पसीना के रुपये से उपेन्द्र कुशवाहा को पार्टी चलाने का मौका दिया। बिहार में गरीब जनता के पैसे से दुबई में मकान खरीद लिया, जिसकी जांच सीबीआई से कराया जाये। उन्होंने कहा कि जगदेव बाबू का आदमकद प्रतिमा के उदघाटन के लिए कई बार उनसे समय लिया गया मगर उन्होंने जगदेव बाबू को अपमानित करने का काम किया। इस पर बिहार के कुशवाहा समाज बर्दाश्त नहीं किया और खुद मुख्यमंत्री समेत शहीद जगदेव प्रसाद के आदमकद प्रतिमा का उदघाटन किया गया। जिसे उपेन्द्र कुशवाहा ने शहीद जगदेव प्रसाद के नाम पर राजनीतिक रोटी सेंकने का काम किया वही शहीद जगदेव बाबू के प्रतिमा का उदघाटन करने का समय नहीं दिया। ऐसे लोग केवल कुशवाहा के नाम पर कुशवाहा समाज को ठगने का काम कर रहे हैं। उपेन्द्र कुशवाहा से भगवान सिंह कुशवाहा, जहानाबाद के सांसद डा. अरूण कुमार, समाजवादी नेता जैसे लोगों को उन्होंने अध्यक्ष पद से हटाकर विधायक ललन पासवान, सुधांशु शेखर, विधान पार्षद संजीव श्याम को पार्टी छोडऩे के लिए मजबूर किया। उपेन्द्र कुशवाहा का भ्रम था कि बिहार का कुशवाहा समाज हमें मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बना दिया है अब हम जो चाहेंगे वही करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमने उपेन्द्र कुशवाहा पर ईनाम घोषित किया है बिहार के लोग बता दे कि उपेन्द्र कुशवाहा कुशवाहा समाज के लिए कुछ काम किया है तो मैं उन्हें 25 हजार रुपया दूंगा। अब मैं इनाम बढ़ाकर 50 हजार रुपया कर दिया हॅू। बिहार और देश में उपेन्द्र कुशवाहा ने क्या किया? अगर गरीब-गुरबा अपने बच्चों के लिए शिक्षा के वास्ते कुछ कागजात ले जाते थे उसे भी रद्दी की टोकरी में फेंक दिया जाता था।
वहीं नागमणि और प्रदीप कुमार मिश्रा ने संयुक्त प्रेसवार्ता में एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि जब उपेन्द्र कुशवाहा भारत सरकार के मानव संसाधन राज्य मंत्री थे उस समय मोतिहारी लोकसभा क्षेत्र से टिकट देने के नाम पर करोड़ों रुपया ठग लिया। 45-45 लाख रुपया बैंक खाते में भेजा था जिसका खाता नम्बर 31286341829, दिसम्बर माह में भेजा गया था। श्री मिश्रा ने कहा कि मैं व्हाईट मनि को उपेन्द्र कुशवाहा को पार्टी चलाने के लिए दस से 15 करोड़ खर्च किया गया। गांधी मैदान में शिक्षा सुधार में जितना खर्च हुआ उसका खर्च मैंने उठाया। फिर हमसे दोबारा पैसे की मांग की तो हमने पैसे नहीं दी। उसके बाद उन्होंने मोतिहारी सीट के लिए दूसरे उम्मीदवार को खोज लिया, जो पार्टी में उन्हें राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता बनाया गया और माधव आनंद के साथ भी नौ करोड़ रुपया में मोतिहारी का टिकट पक्का करवा लिया और हमें चुनाव से मना दिया गया।
श्री नागमणि ने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा केवल अपने आपको समाजवादी नेता कहकर गरीबों को ठगा। कुशवाहा समाज आलू-प्याज और सब्जी उपजा आगे बढऩे का काम किया तथा अपने खून-पसीना के रुपये से उपेन्द्र कुशवाहा को पार्टी चलाने का मौका दिया। बिहार में गरीब जनता के पैसे से दुबई में मकान खरीद लिया, जिसकी जांच सीबीआई से कराया जाये। उन्होंने कहा कि जगदेव बाबू का आदमकद प्रतिमा के उदघाटन के लिए कई बार उनसे समय लिया गया मगर उन्होंने जगदेव बाबू को अपमानित करने का काम किया। इस पर बिहार के कुशवाहा समाज बर्दाश्त नहीं किया और खुद मुख्यमंत्री समेत शहीद जगदेव प्रसाद के आदमकद प्रतिमा का उदघाटन किया गया। जिसे उपेन्द्र कुशवाहा ने शहीद जगदेव प्रसाद के नाम पर राजनीतिक रोटी सेंकने का काम किया वही शहीद जगदेव बाबू के प्रतिमा का उदघाटन करने का समय नहीं दिया। ऐसे लोग केवल कुशवाहा के नाम पर कुशवाहा समाज को ठगने का काम कर रहे हैं। उपेन्द्र कुशवाहा से भगवान सिंह कुशवाहा, जहानाबाद के सांसद डा. अरूण कुमार, समाजवादी नेता जैसे लोगों को उन्होंने अध्यक्ष पद से हटाकर विधायक ललन पासवान, सुधांशु शेखर, विधान पार्षद संजीव श्याम को पार्टी छोडऩे के लिए मजबूर किया। उपेन्द्र कुशवाहा का भ्रम था कि बिहार का कुशवाहा समाज हमें मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बना दिया है अब हम जो चाहेंगे वही करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमने उपेन्द्र कुशवाहा पर ईनाम घोषित किया है बिहार के लोग बता दे कि उपेन्द्र कुशवाहा कुशवाहा समाज के लिए कुछ काम किया है तो मैं उन्हें 25 हजार रुपया दूंगा। अब मैं इनाम बढ़ाकर 50 हजार रुपया कर दिया हॅू। बिहार और देश में उपेन्द्र कुशवाहा ने क्या किया? अगर गरीब-गुरबा अपने बच्चों के लिए शिक्षा के वास्ते कुछ कागजात ले जाते थे उसे भी रद्दी की टोकरी में फेंक दिया जाता था।
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