शालिनी यादव कांग्रेस के पूर्व सांसद एवं राज्यसभा के पूर्व उपसभापति श्यामलाल यादव की पुत्रवधु हैं.
समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सोमवार को दो उम्मीदवारो के नाम की घोषणा की. पार्टी ने चंदौली लोकसभा सीट के साथ-साथ वाराणसी से भी उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. सपा ने चंदौली से संजय चौहान जबकि वाराणसी शालिनी यादव को उम्मीदवार बनाया है.
शालिनी यादव वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी को टक्कर देंगी. बता दें कि शालिनी कांग्रेस के पूर्व सांसद एवं राज्यसभा के पूर्व उपसभापति श्यामलाल यादव की पुत्रवधु हैं.
गौरतलब है कि शालिनी यादव वाराणसी से मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं. वह सोमवार को सपा में शामिल हुई.
वाराणसी में हो सकता है त्रिकोणीय मुकाबला
गौरतलब है कि कांग्रेस ने अभी तक वाराणसी से उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. यहां से पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की अटकले हैं. प्रियंका गांधी भी इशारा दे चुकी हैं कि वह पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.
वायनाड में राहुल गांधी के लिए प्रचार करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा था, 'अगर राहुल गांधी कहेंगे तो मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं और मैं वाराणसी से लड़ूंगी.' अगर कांग्रेस वाराणसी से प्रियंका को उतारती है तो इस बार इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है.
वाराणसी में पिछले चुनाव का गणित
2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रहे अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 वोट मिले थे. प्रधानमंत्री मोदी के निकटतम प्रतिद्वंदी केजरीवाल थे. मोदी को केजरीवाल से 3 लाख, 77 हजार वोट ज्यादा मिले थे. जबकि कांग्रेस के अजय राय को 75,614 वोट, बीएसपी को तकरीबन 60 हजार 579 वोट, सपा को 45291 वोट मिले थे.
क्या है बनारस का जातीय समीकरण?
बात करें बनारस के जातीय समीकरण की तो यहां पर सबसे ज्यादा बनिया मतादाता हैं, जिनकी संख्या करीब 3.25 लाख हैं. इसके बाद करीब तीन लाख मुस्लिम, ढ़ाई लाख ब्राह्मण, दो लाख पटेल, डेढ़ लाख यादव, सवा लाख भूमिहार, एक लाख राजपूत, 80 हजार चौरसिया, 80 हजार दलित और करीब 70 हजार अन्य पिछड़ी जातियों के मतदाता हैं.
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