गुरुवार को जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एम एस कार्णिक की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार के वकील वाई पी याग्निक ने याचिका में की गई मांगो को अस्पष्ट बताया है और इसे खारिज करने की मांग की है। अदालत में सुनवाई के दौरान जजों ने पूछा कि क्या यह याचिका जनहित याचिका (PIL) है।
अदालत ने कार्रवाई के लिए आधार मांगा
देशमुख द्वारा इनकार करने पर जज ने कहा, 'फिर हम किसी तीसरे पक्ष द्वारा किए गए दावों के आधार पर आपराधिक मामले में कैसे कार्रवाई कर सकते हैं, जो किसी भी तरह से व्यक्तिगत रूप से प्रभावित नहीं है? अगर यह जनहित याचिका नहीं है, तो आपको व्यक्तिगत क्षति दिखानी होगी कि यह आपको कैसे प्रभावित कर रहा है।
सरकारी वकील ने इसलिए किया विरोध
इस पर सरकारी वकील याग्निक ने दलील दी कि याचिका में यह नहीं बताया गया है कि याचिकाकर्ता द्वारा संदर्भित पोस्ट ने जनता को कैसे प्रभावित किया। उन्होंने कहा, 'यह एक बहुत ही अस्पष्ट याचिका है। ट्विटर एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है। कोई भी इस तरह अस्पष्ट मांगें नहीं कर सकता है।' याग्निक ने कहा कि यह दलील सही नहीं है और इसका निपटारा किया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता की दलील
एडवोकेट देशमुख ने सुनवाई के दौरान कहा कि उन्होंने पिछले दिनों पुलिस और महाराष्ट्र के अधिकारियों को पत्र लिखकर रनौत और उनकी बहन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। देशमुख ने कहा, 'कंगना के खिलाफ कई FIR लंबित है। पहले भी उन्होंने अपने फायदे के लिए एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत का दुरुपयोग किया है और वह अब किसानों के विरोध के साथ भी ऐसा कर रही हैं।'
सोशल मीडिया में दोसांझ संग चल रही है कंगना की लड़ाई
कंगना रनोट सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। वह हर मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखती है। इस समय वह देश में चल रहे किसान आंदोलन के खिलाफ बात कर रही है। जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर उनकी और सिंगर-एक्टर दिलजीत दोसांझ के बीच जंग छिड़ी हुई है।
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