बता दें कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का हल्लाबोल जारी है. दिल्ली बॉर्डर पर किसान पिछले सात दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. वे कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. किसान केंद्र सरकार के इन कानूनों को काला कानून बता रहे हैं.
वहीं, सरकार किसानों को समझाने में जुटी है. लंबे घमासान के बाद मंगलवार को सरकार और किसान नेताओं की बातचीत हुई. हालांकि, ये बातचीत बेनतीजा रही और गुरुवार को फिर एक बार सरकार और किसानों की मुलाकात है. ये चौथे चरण की बातचीत होगी. हर किसी की नजर आज होनी वाली इस बातचीत पर होगी.
क्या आज की बैठक में कोई नतीजा निकलता है. क्या सरकार किसानों को समझाने में सफल होगी. क्या होगा किसानों के आंदोलन का. जारी रहेगा या सरकार से किसी प्रकार का आश्वासन मिलने के बाद इसे समाप्त कर दिया जाएगा. इन सभी सवालों के जवाब आज की बैठक से मिलने तय माने जा रहे हैं.
इससे पहले मंगलवार की बैठक में किसानों से बातचीत के दौरान सरकार ने कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए समिति बनाने का सुझाव रखा, लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों से कहा कि 4 से 5 नाम अपने संगठन से दें. एक समिति बना देते है जिसमें सरकार के लोग भी होंगे, कृषि एक्सपर्ट भी होंगे, नए कृषि कानून पर चर्चा करेंगे.
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