दरअसल, पाकिस्तान ने पिछले दिनों करतारपुर गुरुद्वारे की कमेटी में सिखों को हटाकर मुस्लिमों के हाथ में वहां का जिम्मा सौंप दिया था. वहीं जिस संगठन के हाथ में जिम्मेदारी सौंपी गई थी वो पूरी तरह से आईएसआई समर्थित है. वहीं इस संगठन में एक भी सिख व्यक्ति नहीं था. इसी मुद्दे को लेकर भारत ने अब पाकिस्तान की यूएन में जमकर क्लास लगाई है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र में बोलते हुए यूएन में भारत के स्थायी मिशन के सचिव आशीष शर्मा ने कहा, 'पाकिस्तान पहले ही इस सभा के जरिए पिछले साल पारित किए गए शांति संस्कृति के प्रस्ताव का उल्लंघन कर चुका है.' उन्होंने कहा कि पिछले महीने पाकिस्तान ने सिखों के पवित्र मंदिर करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के प्रबंधन को सिख समुदाय के निकाय से गैर-सिख निकाय के प्रशासनिक नियंत्रण में दे दिया था.
धर्मों के खिलाफ नफरत
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए आशीष शर्मा ने कहा, 'अगर पाकिस्तान भारत में धर्मों के खिलाफ नफरत की अपनी मौजूदा संस्कृति को बदलता है और हमारे लोगों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करना बंद करता है, तो हम दक्षिण एशिया और उसके बाहर शांति की वास्तविक संस्कृति का प्रयास कर सकते हैं.
अल्पसंख्यकों को भगा रहा पाकिस्तान
भारत की ओर से कहा गया, 'तब तक हम केवल पाकिस्तान के लिए मूक गवाह बनेंगे, जो धमकी, जबरदस्ती, धर्मांतरण और हत्या करके अपने अल्पसंख्यकों को भगा रहे हैं. यहां तक कि एक ही धर्म के लोगों को भी सांप्रदायिक हत्या के लिए दिए गए प्रोत्साहन के कारण बख्शा नहीं गया है.'
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