दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 में इस बार आम आदमी पार्टी ने बड़ा उलटफेर करते हुए 15 साल से सत्ता में बैठी बीजेपी को उखाड़ फेंका. इस बार आम आदमी पार्टी को 134 सीटें हासिल हुई हैं, जबकि बीजेपी को 104 सीटें मिली हैं. कम सीट होने के बाद भी बीजेपी नेता दावा कर रहे हैं कि इस बार मेयर उनका बनेगा.
अब लोगों मन में इस दावे को लेकर सवाल उठ रहे हैं. लोग जानना चाहते हैं कि आखिर आप से कम सीट होने के बाद भी ये कैसे संभव होगा. अगर आप विस्तार में देखेंगे तो इसके कई कारण हैं. आइए समझते हैं पूरा गणित.
विधायक और सांसद वाले वोट में आप आगे
पहले तो ये समझ लीजिए कि दिल्ली में मेयर का चुनाव सीधे वोटर नहीं करते हैं. मेयर का चुनाव चुने हुए पार्षदों के साथ ही एक पूरा गुट होगा जो दिल्ली के मेयर को चुनेगा. दिल्ली में चुने हुए पार्षदों के अलावा कई और सदस्यों का मनोयन एमसीडी हाउस के लिए होता है. बीजेपी के एक सीनियर नेता ने बताया कि दिल्ली में पार्षदों के अतिरिक्त हर साल 14 विधायकों को भी एमसीडी सदन के लिए मनोनित करते हैं. हर साल ये विधायक बदल जाते हैं.
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