ठाणे जिले के कलवा में छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में 24 घंटों में कम से कम 17 मरीजों की मौत के कारणों की जांच कि जा रही हैं, अस्पताल प्रशासन पर घोर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.

महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कलवा में छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में पिछले 24 घंटों में कम से कम 17 मरीजों की मौत हो गई है, जिससे अस्पताल के अधिकारियों को उन अंतर्निहित नैदानिक ​​कारकों की जांच करने के लिए प्रेरित किया गया है जिनके कारण मौतें हुई हैं. यह अस्पताल ठाणे नगर निगम द्वारा चलाया जा रहा है. अस्पताल के डीन डॉ. राकेश बारोट ने 16 मरीजों की मौत की पुष्टि की, जिनमें ज्यादातर बुजुर्ग थे. यह मामला 10 अगस्त को तब सामने आया जब 12 घंटे के भीतर पांच मरीजों की मौत हो गई.

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा कि अस्पताल के डीन को दो दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है. मंत्री ने पुणे में संवाददाताओं से कहा कि इन 17 में से कुल 13 आईसीयू में थे. कुछ दिन पहले अस्पताल में पांच मरीजों की मौत हो गई थी. राज्य सरकार ने डीन से दो दिन में रिपोर्ट देने को कहा है. स्वास्थ्य मंत्री सावंत ने कहा कि डीन की रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. यह अस्पताल राज्य चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के अंतर्गत आता है. इसके मंत्री हसन मुश्रीफ अस्पताल पहुंच गए हैं और वह मामले को देख रहे हैं.

24 घंटों में 17 मौतों की जानकारी है
प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चला है कि मरने वाले अधिकांश मरीज़ आईसीयू में भर्ती थे, लेकिन सीएसएमएम अस्पताल के अधिकारियों द्वारा अभी तक सटीक संख्या की पुष्टि नहीं की गई है. पीटीआई से बात करते हुए, पुलिस उपायुक्त गणेश गावड़े ने कहा कि हमें पिछले 24 घंटों में 17 मौतों की जानकारी है. हमें बताया गया है कि प्रति दिन सामान्य आंकड़ा छह से सात है.

डीसीपी ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने हमें बताया कि कुछ मरीज गंभीर अवस्था में वहां पहुंचे और इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. जिसमें कुछ बुजुर्ग थे. इतनी अधिक संख्या में मौतों के कारण किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए हमने अस्पताल में पुलिस की मौजूदगी बढ़ा दी है.

इस कारण बढ़ गया भार 
नागरिक अधिकारियों ने कहा कि वे सुविधा में मौतों के कारणों का विश्लेषण कर रहे हैं. ऐसा पता चला है कि कई मरीज़ बुजुर्ग हैं और उन्हें गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था. यह ध्यान दिया जा सकता है कि अस्पताल शहर का एकमात्र तृतीयक स्तर का अस्पताल है और इसमें विशेष रूप से उपनगरों और यहां तक कि पड़ोसी जिलों से मरीजों की भारी भीड़ देखी जाती है.

सिविल अस्पताल के नवीनीकरण के कारण अस्थायी स्थानांतरण के कारण भी कई मरीजों को स्थानांतरित किया गया है, जिससे यहां भार बढ़ गया है. पूर्व महापौर और शिवसेना नेता नरेश म्हस्के ने कहा कि उन्होंने मौतों के कारणों की जांच के लिए निगम से संपर्क किया है. नगर निगम आयुक्त अभिजीत बांगर की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है.



Share To:

Post A Comment: