महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में वेतन वृद्धि को लेकर बस चालक हड़ताल पर हैं और इस हड़ताल के कारण आम लोगों को दिक्कत हो रही है. इनकी शिकायत है कि तीन साल से वेतन नहीं बढ़ाई गई है.

 मुंबई में सार्वजनिक परिवहन निकाय द्वारा नियुक्त निजी बस संचालकों के कुछ और अनुबंधित कर्मचारी, वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चल रही हड़ताल में गुरुवार को शामिल हो गए, जिससे बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन की बस सेवाएं प्रभावित हुई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

परिवहन निकाय के एक प्रवक्ता ने बताया कि 'बेस्ट' के 12 डिपो से तीन निजी संचालकों की 921 बसें सड़कों से नदारद रहीं, जिससे सुबह से बस परिचालन प्रभावित हुआ है. निजी बस संचालक एसएमटी यानी डागा समूह के कर्मचारियों ने बुधवार को वेतन वृद्धि की मांग को लेकर पूर्वी उपनगरों में बेस्ट के घाटकोपर और मुलुंड डिपो में काम बंद कर दिया, जिससे कई मार्गों पर बस सेवाएं प्रभावित हुई थी.

इन कंपनियों के कर्मचारी भी हुई प्रदर्शन में शामिल
अधिकारियों ने बताया कि वेतन वृद्धि और अन्य मांगों को लेकर मातेश्वरी और टाटा मोटर्स जैसे अन्य निजी संचालकों के कर्मचारी भी गुरुवार सुबह हड़ताल में शामिल हो गए, जिससे विरोध तेज हो गया. उन्होंने बताया की ज्यादा संख्या में कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने के बाद सुबह से घाटकोपर, मुलुंड, शिवाजी नगर, वर्ली और आठ अन्य डिपो में बेस्ट की ठेके पर चलने वाली बसों का संचालन बाधित हुआ है.

प्रदर्शनकारियों का दावा, तीन साल से नहीं हुई वेतन वृद्धि
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने बुधवार को दावा किया था कि उन्हें पिछले तीन वर्षों में पर्याप्त वेतन वृद्धि नहीं मिली है और गुजारा करना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने दावा किया कि बेस्ट उपक्रम के कर्मचारियों की मासिक कमाई की तुलना में उनका वेतन काफी कम है. महानगर में सार्वजनिक बस सेवा प्रदान करने वाले ‘बेस्ट’ ने कुछ ठेकेदारों से बस पट्टे पर ली हुई हैं. इसके तहत निजी संचालक ही वाहनों के मालिक हैं और इसके रखरखाव, ईंधन और चालकों के वेतन से जुड़ी जिम्मेदारी भी उन्हीं की है. ‘बेस्ट’ की लगभग 3,100 बस की मदद से मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई और मीरा-भायंदर शहरों में प्रतिदिन 30 लाख से अधिक यात्री सफर कर करते हैं.



Share To:

Post A Comment: