11 अगस्त को एनसीपी नेता नवाब मलिक को सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर दो महीने की अंतरिम जमानत दी थी. अस्पताल के बाहर नवाब मलिक के समर्थकों ने नारेबाजी की.

 एनसीपी नेता नवाब मलिक को मुंबई के एक अस्पताल से डिस्चार्ड कर दिया गया है. नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फरवरी 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. पिछले हफ्ते उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सा आधार पर दो महीने के लिए अंतरिम जमानत दी थी. अस्पताल से बाहर उनके समर्थकों की भीड़ देखने को मिली. उन्होंने कार से बाहर निकलकर समर्थकों का आभार जताया. समर्थकों ने 'नवाब मलिक तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं' और 'हमारा नेता कैसा हो, नवाब मलिक जैसा हो' के नारे लगाए.

बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने 13 जुलाई को एनसीपी नेता नवाब मलिक को मेडिकल ग्राउंड पर बेल देने से मना कर दिया था. हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा था कि नवाब मलिक गुर्दे की बीमारी और दूसरी बीमारियों के चलते हॉस्पिटल में हैं, इसलिए उन्हें चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी जाती है. जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा था, ‘‘ हम मामले में सख्ती से चिकित्सा आधार पर मलिक को जमानत देने का आदेश पारित कर रहे हैं.’

ईडी ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से कथित तौर पर संबद्ध मामले में नवाब मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था. एनसीपी के नेता मलिक ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं और मौजूदा समय में मुंबई के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.

नवाब मलिक ने हाई कोर्ट से राहत की मांग करते हुए दावा किया था कि वह कई अन्य गंभीर बीमारियों के अलावा गुर्दे के गंभीर रोग से भी पीड़ित है. उन्होंने चिकित्सा आधार पर जमानत की भी मांग की थी. नवाब मलिक के खिलाफ ईडी का मामला राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दाऊद इब्राहिम के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है. दाऊद इब्राहिम एक वैश्विक आतंकवादी है और 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी है.



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