एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने मोदी सरकार पर सांप्रदायिक उन्माद बढ़ाने वाले निर्णय लेने का भी आरोप आरोप लगाया है.
राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि उसके कुछ नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर तलवार लटक रही है. इसलिए एनसीपी के बड़े नेताओं ने शरद पवार का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ सत्ता में आने का फैसला किया है. अब एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने खुद मान लिया है कि कहानी सच है. आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने दावा किया कि उनके जिन साथियों ने उनका साथ छोड़ा है, उन्होंने कहा है कि उनके पीछे ईडी की कार्रवाई ही वजह है.
शरद पवार ने क्या कहा?
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा, ''हमारे कुछ साथी बीजेपी के साथ सत्ता में आए. इससे पहले कोई भी राजनीतिक फैसला राजनीतिक नेता लेते थे, लेकिन अब मुझसे मिलने के बाद मेरे सहयोगियों ने मुझे बताया कि राजनीतिक फैसला ईडी लेती है. ईडी तय करता है कि पार्टी में कौन शामिल होगा." आगे शरद पवार ने आलोचना करते हुए कहा कि मणिपुर में स्थिति चिंताजनक है और मोदी सरकार केवल तमाशबीन की भूमिका निभा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र को खुद मणिपुर में उस जगह जाकर लोगों को हिम्मत देने की जरूरत है.
पीएम मोदी पर साधा निशाना
लाल किले से बोलते हुए पीएम मोदी ने दावा किया था कि वह अगले चुनाव में सत्ता में वापसी करेंगे. शरद पवार ने इसकी अच्छी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि देवेंद्र फड़णवीस ने पहले भी कहा था कि वह दोबारा आएंगे, लेकिन वह दूसरे पद पर आ गए. मोदी सरकार के कई फैसलों के कारण समाज में विभाजन हो रहा है. अब भी मोदी सरकार सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने में भूमिका निभा रही है.
शरद पवार ने कहा कि पुणे में उनकी अजित पवार से मुलाकात हुई. लेकिन उन्होंने कहा कि इस मुलाकात में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई. शरद पवार ने कहा कि ये सिर्फ कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के प्लान बी तैयार होने की बातें हैं.
शरद पवार ने कहा कि वह आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच जाकर बातचीत करेंगे. उन्होंने कहा, ''पिछले आठ दिनों से राज्य में कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं. सोलापुर, सांगोला में यात्रा के दौरान एक हजार लोगों ने वाहन रोककर अपना समर्थन जताया. औरंगाबाद में नाधो के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल हुए, जिन्होंने बहुत योगदान दिया.''
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