महाराष्ट्र में इन दिनों राजनीतिक घटनाक्रम हर दिन नया मोड़ ले रहा. पवार परिवार की मुलाकात ने राजनीतिक दलों में हलचल मचा दी है और यह हलचल महाविकास अघाड़ी में भी देखी जा रही है
अजित पवार और शरद पवार की मुलाकात ने महाराष्ट्र की राजनीति को अलग ही दिशा दे दी है. माना जा रहा है कि ठाकरे गुट और कांग्रेस शरद पवार की एनसीपी के बिना ही चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. इसी के बीच उद्धव ठाकरे लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि की समीक्षा करने वाले हैं. 48 लोकसभा सीटों की बुधवार से ठाकरे समूह समीक्षा करेगा. 16 से 19 अगस्त के बीच पहले चरण में कुल 16 लोकसभा क्षेत्रों की समीक्षा की जाएगी.
अजित पवार और शरद पवार की मुलाकात से महाविकास अघाड़ी में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. कांग्रेस और शिवसेना ठाकरे समूह बुधवार से लोकसभा चुनाव के लिए अपनी-अपनी पार्टियों की तैयारियों को लेकर बैठकें करेंगे. ठाकरे समूह की बैठकों के पहले चरण में एनसीपी के गढ़ बारामती लोकसभा क्षेत्र की समीक्षा की गई है. 18 अगस्त को इसकी समीक्षा की जाएगी. क्षेत्रवार बैठक में निर्वाचन क्षेत्र संपर्क नेता, स्थानीय उपनेता, जिला संपर्क प्रमुख, स्थानीय मंडल महिला संघ, जिला प्रमुख, सांसद, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, उपजिला प्रमुख, तालुका प्रमुख, शहर प्रमुख भाग लेंगे.
यह है कांग्रेस औऱ शिवसेना का प्लान बी
अजित पवार के गुट के बीजेपी में शामिल होने के बाद भी शरद पवार की स्थिति स्पष्ट नहीं है. अगर आने वाले समय में शरद पवार स्पष्ट रुख नहीं अपनाते हैं, तो शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस बिना एनसीपी के लड़ने का प्लान बी तैयार कर रही है. एबीपी माझा के मुताबिक, सूत्रों ने जानकारी दी है कि दो दिन पहले उद्धव ठाकरे और नाना पटोले के बीच मुलाकात हुई थी. इसके तहत शिवसेना और कांग्रेस ने सभी लोकसभा क्षेत्रों की समीक्षा शुरू कर दी है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की राय है कि कांग्रेस को बारामती और शिरूर लोकसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ना चाहिए, जो एनसीपी के गढ़ हैं.
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