औरंगाबाद में सदियों पुराने मकई (मक्का) गेट के पास टैंक जैसी एक संरचना पाई गई है. अब राज्य पुरातत्व विभाग ऐसी छिपी हुई संरचनाओं को खोजने के लिए खुदाई का काम करेगा.
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में सदियों पुराने मकई (मक्का) गेट के पास टैंक जैसी एक संरचना पाई गई है, जिसके बाद राज्य पुरातत्व विभाग ऐसी छिपी हुई संरचनाओं को खोजने के लिए खुदाई का काम करेगा. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. मकई गेट का निर्माण 17वीं शताब्दी में मुगल काल के दौरान किया गया था. यह खाम नदी के तट पर स्थित औरंगाबाद शहर के चारों ओर निर्मित किलेबंदी का एक हिस्सा है.
राज्य पुरातत्व कार्यालय के सहायक निदेशक ने क्या कहा
राज्य पुरातत्व कार्यालय के सहायक निदेशक अमोल गोटे ने कहा, मकई गेट के दो मंजिला स्मारक को हाल में आंशिक रूप से अतिक्रमण से मुक्त किया गया था. गोटे ने से कहा, ‘‘जब स्मारक के पास से मलबा हटाया जा रहा था तो हमें एक टैंक जैसी संरचना मिली. हमारी योजना मलबा हटाकर स्मारक की वास्तविक मंजिल तक पहुंचने की है. एक बार जब हम वहां पहुंचेंगे तो स्मारक के आसपास और भी संरचनाएं मिलने की संभावना है.’’
औरंगाबाद शहर के चारों ओर निर्मित किलेबंदी का हिस्सा
अधिकारी ने कहा कि हम उमीद जता रहे हैं कि बाकी के अतिक्रमण को भी जल्द ही हटा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मकाई गेट से पुल शुरू होता है, जो खाम नदी के पूर्व और पश्चिम किनारों को जोड़ता है. गोटे ने कहा कि वर्तमान में मकाई गेट के आधार क्षेत्र में नमी है. हम इसकी गिरावट को रोकने के लिए नमी को कम करने की प्लानिंग बनाने जा रहे हैं. गौरतलब है कि मकाई गेट का निर्माण 17वीं शताब्दी में मुगल काल के दौरान कराया गया था. खाम नदी के तट पर स्थित यह गेट औरंगाबाद शहर के चारों ओर निर्मित किलेबंदी का हिस्सा है.
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