सरकार ने कहा है कि वह टीवी चैनलों की स्वतंत्रता और संविधान में मिले अधिकारों का पूरा सम्मान करती है. लेकिन देश की सुरक्षा, अखंडता, संप्रभुता का ख्याल रखना भी जरूरी
कनाडा से जारी तनाव के बीच टीवी चैनलों पर बैठने वाले देश दुनिया के लोगों की ओर से भारत के खिलाफ लगातार हो रही बयानबाज़ी पर भारत सरकार ने गुरुवार (21 सितंबर) को महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि चैनलों पर जिन लोगों को बुलाया जाता है, उसमें इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए कि अपराधी या आतंकवाद से संबंधित ऐसे लोग न शामिल हों जो देश के खिलाफ बयानबाजी करते हैं.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की एडवाइजरी में कहा गया है कि हाल ही में एक ऐसे व्यक्ति को टीवी पर चर्चा के लिए बुलाया गया जिस पर गंभीर अपराध और आतंकवाद के आरोप हैं. वह ऐसे संगठन से ताल्लुक रखता है जिसे भारत सरकार ने प्रतिबंधित कर रखा है. उसने देश की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा और मित्र राष्ट्रों के खिलाफ कई आपत्तिजनक टिप्पणियां की थी, जिससे हालत बिगड़ने का खतरा है.
"मीडिया की स्वतंत्रता का सम्मान"
मंत्रालय की एडवाइजरी में कहा गया है कि सरकार मीडिया की स्वतंत्रता और संविधान के तहत उसे मिले अधिकारों का पूरा सम्मान करती है, लेकिन टीवी चैनलों पर प्रसारित कंटेंट को सीटीएन एक्ट ( द केबल टेलीविजन नेटवर्क, रेगुलेशन एक्ट) 1995 की शर्तों के अनुसार तय किया जाना चाहिए. इनका पालन जरूरी है. इसमें सेक्शन 20 की धारा 2 का भी जिक्र किया गया है, जो कंटेंट प्रसारण के प्रभाव पर स्थिति स्पष्ट करती है.
आपको बता दें कि मंत्रालय की एडवाइजरी में किसी ऐसे चैनल का नाम नहीं बताया गया है जिसने आतंकवाद के आरोपी व्यक्ति को टीवी पर जगह दी गई.
कनाडा से खराब हुए रिश्ते
भारत के पंजाब प्रांत को अस्थिर करने के लिए दुनिया भर में साज़िश रचने में जुटे खालिस्तानी आतंकियों के हमराज बने कनाडा से भारत के रिश्ते हाल में खराब हो गए हैं. दोनों ताकतवर देशों ने एक दूसरे के शीर्ष राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है. भारत ने कनाडा के वीजा पर अस्थाई तौर पर रोक भी लगा दी है. इस बीच टीवी चैनलों पर इस मुद्दे पर हो रही बहस में कई ऐसे लोगों को बुलाया जा रहा है जो प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकी संगठनों के सरपरस्त रहे हैं. ऐसे में सूचना प्रसारण मंत्रालय की इस तरह की एडवाइजरी महत्वपूर्ण है.
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