महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. 



समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने सोमवार को जालना में मराठा आरक्षण के लिए प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और आग्रह किया कि उन्हें प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वालों को मराठवाड़ा में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए. ठाकरे जालना पहुंचे और मनोज जारांगे से मुलाकात की, जो मराठा लोगों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर एक सप्ताह से भूख हड़ताल पर हैं. जैसे ही हिंसा भड़की, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. 40 पुलिस अधिकारियों सहित कई लोग घायल हो गए और 15 से अधिक राज्य परिवहन बसों में आग लगा दी गई.

राज ठाकरे ने प्रदर्शनकारियों से बात की
अधिकारियों के मुताबिक, घटना के सिलसिले में 360 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ठाकरे ने कहा, "नेता आपके वोट मांगते हैं और आपको छोड़ देते हैं. आंदोलनकारियों को उन नेताओं को मराठवाड़ा में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए जिन्होंने लाठियों से हमला करने और आंदोलनकारियों को बंदूक की नोक पर रखने का आदेश दिया था. यह तब तक जारी रहना चाहिए जब तक नेता माफी नहीं मांग लेते." मनसे नेता ने अंतरवाली सारथी गांव जाते समय जामखेड फाटा में प्रदर्शनकारियों से बात की.

राज ठाकरे ने साधा निशाना
पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा, "पहले, राजनेताओं ने अरब सागर (मुंबई तट से दूर) में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा लगाने का वादा किया और आपका वोट लिया. लेकिन आपका वोट लेने के बाद, आपके मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया गया." ठाकरे के अनुसार, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा है कि विपक्ष को मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. उन्होंने दावा किया, ''लेकिन, अगर फड़णवीस विपक्ष में होते तो उन्होंने भी यही किया होता.'' ठाकरे ने कहा, "मैंने आंदोलनकारियों के मुद्दों को सुना है, और उन्हें हल करने के लिए मुख्यमंत्री से बात करूंगा. आज कोई चुनाव नहीं है, लेकिन जब चुनाव आएंगे तो (आंदोलनकारियों पर) लाठियों के निशान याद रखें."

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