डकैत पान सिंह तोमर और आतंकी गाजी बाबा के खिलाफ चली मुठभेड़ का नेतृत्व करने वाली आईपीएस अधिकारी विजय रमन का महाराष्ट्र में निधन हो गया. यह जानकारी उनके परिवार ने दी.



हाई प्रोफाइल आईपीएस अधिकारी विजय रमन  का पुणे के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह कैंसर से पीड़ित थे. वह 1975 बैच के मध्य प्रदेश काडर के आईपीएस अधिकारी थे. विजय रमन की पत्नी वीना रमन ने बताया कि फरवरी में उन्हें कैंसर होने की पुष्टि हुई और उसके बाद से ही उनका इलाज चल रहा था. पत्नी वीना का कहना है कि इलाज के दौरान उनमें सुधार के लक्षण दिखे थे.

विजय रमन को 18 सितंबर को सांस लेने में हो रही दिक्कत के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें फिर आईसीयू में शिफ्ट किया गया. गुरुवार को उनकी सेहत में सुधार दिखा और परिवार के सदस्य उन्हें 2-3 दिनों घर ले जाने वाले थे लेकिन अचानक उनका निधन हो गया. ऐसे में उनके निधन से परिवार में सभी सदमे में हैं.

जब फूलन देवी ने की थी मांग, रमन को भिंड के एसपी पद से हटाएं
चंबल के इलाके में मौजूद डकैतों के बीच विजय रमन का खासा खौफ था और बताया जाता है कि जब फूलन देवी ने आत्मसमर्पण किया था तो उस वक्त उन्होंने विजय रमन की जगह किसी और को भिंड का एसपी बनाने की मांग की थी. विजय रमन कई आतंक-रोधी और नक्सल-रोधी अभियानों का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और रेलवे पुलिस के साथ भी काम किया था. 

संसद हमले के मास्टरमाइंड गाजी बाबा को मार गिराया था
साल 2003 में श्रीनगर में सीमा सुरक्षा बल के आईजी के रूप में तैनात रहे विजय रमन ने 10 घंटे की चुनौतीपूर्ण मुठभेड़ का नेतृत्व किया जिसमें संसद हमलों को मास्टरमाइंड और खतरनाक आतंकवादी गाजी बाबा को मार गिराया गया था. वहीं, साल 1981 में एथलीट से डकैत बने पान सिंह तोमर का एनकाउंटर भी विजय रमन के नेतृत्व में किया गया था. पान सिंह तोमर के खिलाफ यह मुठभेड़ 14 घंटे तक चली थी. 

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