लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के सबसे प्रतिष्ठित मुकाबले बारामती लोकसभा सीट पर शरद पवार और अजित पवार आमने-सामने हैं. अजित पवार के बीजेपी के साथ सरकार में शामिल होने के बाद पवार परिवार में फूट पड़ गई. हालांकि, क्या 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद अजित पवार और शरद पवार के बीच पुराने रिश्ते बहाल हो पाएंगे? क्या चाचा-भतीजा फिर एक होंगे, इसे लेकर अजित पवार ने बड़ा बयान दिया है.
शरद पवार पर अजित पवार का बड़ा बयान
ABP न्यूज़ पर अजित पवार से पूछा गया कि क्या लोकसभा चुनाव के बाद शरद पवार और आपके बीच पुराने रिश्ते पहले जैसे हो जाएंगे? इस पर अजित पवार ने कहा, बारामती में 7 तारीख को चुनाव होने दीजिए. तब तक मैं इस मामले पर कुछ नहीं कहूंगा. क्योंकि इस वक्त बारामती में एक अलग ही मुहिम चल रही है. कहा जा रहा है कि हम बाद में साथ आएंगे. यह प्रचार लोगों को गुमराह कर रहा है.
इस संबंध में मेरे मतदाताओं, सहकर्मियों और कार्यकर्ताओं को यह संदेश जाना चाहिए कि 'मैंने जो राजनीतिक रुख अपनाया है उस पर कायम रहूंगा.' अजित पवार ने कहा कि लोगों को मेरा समर्थन करना चाहिए. बुजुर्गों को मुझे आशीर्वाद देना चाहिए और मतदाताओं को मुझे मजबूत समर्थन देना चाहिए.
आज तक ये समीकरण था कि बारामती का मतलब है पवार परिवार. लेकिन, इस साल बारामती में पवार परिवार के दो दिग्गज नेता एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं. शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार एक दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं. परिवार में इस लड़ाई को लेकर अजित पवार ने कहा कि 'ये भावनात्मक रिश्ता चुनाव में काम नहीं आता. मैंने 7 मई तक भावुक, नरम नहीं होने का फैसला किया है.' अगर बारामती का और अधिक विकास करना है तो राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर काम करें तो यह तेजी से किया जा सकता है.
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