ईरान के लिए काम करने के आरोप में अमेरिका ने दर्जनों कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है. इनमें से कुछ कंपनियां भारत की भी हैं. इन पर आरोप है कि ये सभी ईरानी सेना के लिए काम कर रही थीं. ये कंपनियां अमेरिका में अवैध व्यापार और ट्रांसफर करने में ईरान की मदद करती थी, जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगा है, उनमें से कुछ भारत की भी हैं. अमेरिका ने यह कार्रवाई 25 अप्रैल को की है. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग का कहना है कि इन कंपनियों ने यूक्रेन में ईरानी मानवरहित हवाई वाहनों की गुप्त बिक्री को आसान बनाने और फाइनैंस करने में अहम भूमिका निभाई है. आरोप है कि ये काम ईरान के रक्षा और सशस्त्र बल रसद मंत्रालय के लिए किया गया था, जो खुद इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स और यूक्रेन में रूस के युद्ध का समर्थन करता है.
ये कंपनियां हैं भारत की
इन सभी कामों के पीछे सहारा थंडर कंपनी का नाम सामने आया है. ये कंपनी ईरानी रक्षा और सशस्त्र बल रसद मंत्रालय के अंडर काम करती है और उसकी व्यावसायिक गतिविधियों की देखरेख भी करती है. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग का कहना है कि सहारा थंडर चीन, रूस समेत कई देशों में ईरानी वस्तुओं की बिक्री और शिपमेंट में भी शामिल है. सहारा थंडर का समर्थन करने के लिए 3 भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं. इनमें जेन शिपिंग, पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सी आर्ट शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं.
अमेरिका ने लगाए थे ये आरोप
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग की प्रेस रिलीज के मुताबिक, सहारा थंडर ने कुक आइलैंड्स-फ्लैग्ड जहाज के लिए भारत की जेन शिपिंग और पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ टाइम चार्टर कॉन्ट्रैक्ट किया है, जिसे UAE की सेफ सीज शिप मैनेजमेंट FZE मैनेज और ऑपरेट करती है. सहारा थंडर ने 2022 से कई शिपमेंट करने के लिए कुक आइलैंड्स-फ्लैग्ड जहाज का इस्तेमाल किया है. भारत की सी आर्ट शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और UAE की कंपनी ट्रांस गल्फ एजेंसी LLC ने सहारा थंडर के समर्थन में शिप मैनेजमेंट सर्विसेज देने के लिए मिलकर काम किया.
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