दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी रविवार (28 अप्रैल 2024) को कर्नाटक में एक चुनावी रैली में राहुल गांधी पर भारत में राजाओं और महाराजाओं का अपमान करने लेकिन सुल्तानों, नवाबों, निज़ामों और बादशाहों की ओर से किए गए अत्याचारों पर चुप रहने का आरोप लगाया. मोदी ने राजाओं और महाराजाओं के शासन पर राहुल गांधी के हालिया बयानों का जिक्र करते हुए ये आरोप लगाए.
'भावनाओं को भड़काने के लिए कर रहे ऐसा'
दूसरी तरफ पीएम मोदी की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषण शर्मनाक हैं और वह दयनीय होने से कहीं आगे निकल गए हैं. जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, "वह (पीएम मोदी) सांप्रदायिक पूर्वाग्रहों और भावनाओं को भड़काने, उकसाने और भड़काने के लिए दुर्भावनापूर्ण और शरारती तरीके से राहुल गांधी के हर बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं. उनका सत्ता से बाहर जाना जरूरी है और इस बात के अहसास ने उन्हें और अधिक हताश कर रहा है. उनके चुनावी भाषण वास्तव में शर्मनाक हैं."
क्या कहा था राहुल गांधी ने?
हाल ही में एक रैली के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था, ''यह राजाओं और महाराजाओं का शासन था, वे जो चाहें कर सकते थे, अगर उन्हें किसी की जमीन चाहिए तो वे उसे छीन लेते थे, कांग्रेस पार्टी और हमारे कार्यकर्ताओं के साथ देश के लोगों ने आज़ादी हासिल की, लोकतंत्र लाया और देश का संविधान बदलकर राजाओं की मनमानी खत्म की.”
PM मोदी ने कहा, अत्याचार करने वालों को लेकर मुंह बंद था
राहुल गांधी के इसी बयान का जिक्र करके पीएम मोदी ने उन पर हमला किया और कहा, "कांग्रेस के शहजादे (राजकुमार) के ऐसे बयान जानबूझकर आए थे, वोट बैंक की राजनीति और तुष्टीकरण के उद्देश्य से थे... शहजादे ने राजाओं, महाराजाओं के बारे में बुरा बोला लेकिन अत्याचार करने वालों को लेकर शहजादे का मुंह बंद था. 'भारत के इतिहास में नवाबों, निज़ामों, सुल्तानों और बादशाहों ने जो अपराध किए, उन पर उनका मुंह बंद था, लेकिन राजाओं, महाराजाओं के बारे में वह बुरा बोलते हैं और उनका अपमान करते हैं.”
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