यह दावा ऐसे वक्त में किया जा रहा है जब केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के बयान के बाद राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल के जिलाध्यक्ष संजू मिश्रा समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचे. कुंडा में अनुप्रिया पटेल के खिलाफ प्रचार करने को बैठक हुई थी. बैठक के बाद मिर्जापुर के जिलाध्यक्ष संजू मिश्रा पहुंचे थे. संजू मिश्रा ने सपा के जिलाध्यक्ष देवी प्रसाद चौधरी को समर्थन पत्र भी सौंपा.
सपा के लिए क्यों जरूरी है राजा भैया का समर्थन?
सपा की कोशिश है कि बीजेपी के खिलाफ ठाकुरों विरोध को अपने पक्ष में भुना सके. पूर्वांचल की जिन 27 सीटों पर चुनाव होना है उसमें से एक भी सीट अभी सपा के पास नहीं है. 21 पर बीजेपी और 6 पर बसपा ने साल 2019 में जीत हासिल की थी. बड़े क्षत्रिय नेता के सपा के साथ आने से पार्टी का फायदा होने के आसार हैं.
राजा भैया ने बीते दिनों कौशांबी में सपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र सरोज से मुलाकात की थी. इसके बाद से ही सपा का दावा था कि वह कौशांबी सीट पर जीत हासिल करेगी. दावा किया जाता है कि कौशांबी और प्रतापगढ़ में राजा भैया का काफी प्रभाव है. इस चुनाव में उन्होंने अपनी पार्टी से कोई कैंडिडेट नहीं उतारा है.
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