भारत की विविधता को समझाने के लिए सैम पित्रोदा ने जो मिसाल पेश की है, उसने ना सिर्फ विवाद खड़ा कर दिया है, बल्कि कांग्रेस को उनके बयान पर सफाई देने के लिए मजबूर होना पड़ा है. सैम पित्रोदा के नस्लीय टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पूरी तरह से हमलावर हैं. कांग्रेस ने बयान से दूरी भी बनाई है. हालांकि, डैमेज हो चुका है और माना जा रहा है कि इसका सीधा असर चुनाव पर पड़ने वाला है. ऐसे में आइए इस पूरे घटनाक्रम को समझते हैं.
सैम पित्रोदा के किस बयान से मचा विवाद?
एक पॉडकास्ट में सैम पित्रोदा ने बुधवार (8 मई) को कहा, "हम 75 साल से बहुत सुखद माहौल में रह रहे हैं, जहां कुछ लड़ाइयों को छोड़ दें तो लोग साथ रह सकते हैं. हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं. जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे लगते हैं."
उन्होंने कहा, "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सभी बहन-भाई हैं. भारत में अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के रीति-रिवाज, खान-पान, धर्म, भाषा अलग-अलग हैं, लेकिन भारत के लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं." सैम पित्रोदा के इस नस्लीय टिप्पणी वाले बयान को लेकर ही घमासान मचा हुआ है. बता दें कि पित्रोदा ने इससे पहले 'इन्हेरिटेंस टैक्स' यानी विरासत टैक्स को लेकर बयान दिया, जिस पर काफी विवाद हुआ था.
देशवासियों का अपमान नहीं करूंगा बर्दाश्त, पित्रोदा के बयान पर बोले PM
पीएम मोदी ने सैम पित्रोदा की टिप्पणियों को नस्लीय बताया और कहा कि वह त्वचा के रंग के आधार पर देशवासियों के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे. तेलंगाना में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "मैं आज गुस्से में हूं. अगर कोई मुझे गाली देता है तो मुझे गुस्सा नहीं आता. मैं बर्दाश्त कर सकता हूं, लेकिन शहजादे के दार्शनिक ने इतनी बड़ी गाली दे दी, जिससे मुझे गुस्सा आ गया है. क्या मेरे देश में त्वचा के रंग के आधार पर लोगों की क्षमता तय होगी?"
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें अब समझ में आया कि कांग्रेस राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को इसलिए हराना चाहती थी क्योंकि उनकी 'त्वचा का रंग काला है.
पित्रोदा के बयान पर बीजेपी हमलावर
बीजेपी ने सैम पित्रोदा के बयान पर कांग्रेस को जमकर निशाने पर लिया. इसने कहा कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे कांग्रेस के चेहरे से मुखौटा उतरता जा रहा है. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सैम पित्रोदा राहुल गांधी के सलाहकार रहे हैं. असल में पित्रोदा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के भारत के संबंध में विचार को समझा रहे हैं. जब कांग्रेस का कोई वरिष्ठ नेता ऐसी भाषा बोलता है, तो इससे पार्टी नेतृत्व की उस मानसिकता का पता चलता है, जो विभाजन और नस्लवाद पर आधारित है.
कांग्रेस ने दी सैम पित्रोदा के बयान पर सफाई
वहीं, विवाद बढ़ता हुआ देश कांग्रेस ने खुद को सैम पित्रोदा के बयान से अलग कर लिया. पार्टी ने बयान को दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य बताया. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "सैम पित्रोदा द्वारा भारत की विविधताओं को जो उपमाएं दी गई हैं, वह अत्यंत गलत और अस्वीकार्य हैं. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से अपने आप को पूर्ण रूप से अलग करती है."
सैम पित्रोदा ने दिया इस्तीफा
दूसरी ओर, जब सैम पित्रोदा ने देखा कि उनके नस्लीय टिप्पणी वाले बयान की वजह से देश की सियासत गरमा गई है तो उन्होंने तुरंत ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस भी इस्तीफे को लेकर तैयार बैठी थी, क्योंकि उसे तुरंत ही स्वीकार कर लिया गया. जयराम रमेश ने बताया कि सैम पित्रोदा ने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है, जिसे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने स्वीकार कर लिया है. हालांकि, पित्रोदा ने इस्तीफे पर कोई बयान नहीं दिया.
कौन हैं सैम पित्रोदा?
सैम पित्रोदा कोई साधारण शख्स नहीं हैं. कांग्रेस के लिए सैम पित्रोदा का कद बहुत बड़ा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब यूपीए की सरकार थी तो मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए देश की नीतियां बनाने वालों में सैम पित्रोदा एक थे. वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के दोस्त हैं. राहुल गांधी के लिए पित्रोदा ना सिर्फ अंकल सैम हैं, बल्कि उनके सलाहकार भी रहे हैं. सैम पित्रोदा को राहुल गांधी का करीबी भी माना जाता है. सैम पित्रोदा के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.
सैम पित्रोदा के बयान का क्या होगा सियासी असर?
बीजेपी सैम पित्रोदा के बयान को दक्षिण भारतीयों और देश के अपमान से जोड़ रही है. ऐसा उस वक्त हो रहा है, जब चौथे चरण के लिए 13 मई को दक्षिण भारत के दो राज्यों में मतदान होना है. लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में आंध्र प्रदेश की 25 और तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों को मिलाकर कुल 42 सीटों पर मतदान होने जा रहा है. ये बात तो तय है कि वोटिंग तक बीजेपी पित्रोदा के दिए बयान को लोगों के बीच जिंदा रखने वाली है.
सिर्फ दक्षिण ही नहीं जिस पूर्वी भारत के साथ पित्रोदा ने चाइनीज शब्द का इस्तेमाल किया है, वहां चौथे चरण में 21 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है. यहां पर भी बीजेपी इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस को घेरने वाली है. ऐसे में कुल मिलाकर सैम पित्रोदा के बयान का असर चौथे चरण की 96 लोकसभा सीटों पर रहेगा.
Post A Comment: