महबूबा मुफ्ती ने लिखा, "यह जानकर आश्चर्य हो रहा है कि एमसीसी का उल्लंघन करने के आरोप में मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पीडीपी ने सरकार के खिलाफ सच बोलने की कीमत चुकाई है. हमारा प्रदर्शन भारत सरकार के खिलाफ वोटिंग से पहले स्थानीय प्रशासन से मिलीभगत कर पीडीपी के सैंकड़ों पोलिंग एजेंटों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने को लेकर था."
हमारे मतदाताओं को आतंकित किया गया- महबूबा
महबूबा मुफ्ती ने आगे लिखा, "इतने से भी मन नहीं भरा तो हमारे मतदाताओं को आतंकित करने और उन्हें मताधिकार के इस्तेमाल से रोकने के लिए उसी प्रशासन ने पीडीपी के पारंपरिक गढ़ में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू कर दिया.''
FIR में दिया गया धारा 144 उल्लंघन का हवाला
एफआईआर में लिखा गया है, ''25 मई को महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में पीडीपी के नेता बिजबेहरा शहर में जुटे और पार्टी कार्यकर्ताओं को रिहा करने को लेकर नारेबाजी की जो कि चुनावी आचार संहिता का गंभीर उल्लंघन है. पीडीपी के कार्यकर्ताओं ने मुख्य मार्ग को ब्लॉक कर दिया और बिजबेहरा के मुख्य केंद्र में एक घंटे से ज्यादा वक्त तक प्रदर्शन किया जो कि अनंतनाग-राजौरी में लागू धारा 144 का उल्लंघन है. यह अपील की जाती है कि महबूबा मुफ्ती और उन कार्यकर्ताओं के खिलाफ नियम के तहत कार्रवाई की जाए, जिनकी पहचान पुलिस ने की है.
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