यूपीआई में सबसे आगे फोनपे
डिजिटल पेमेंट के ताजे आंकड़े बताते हैं कि यूपीआई पेमेंट में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाली फोनपे अब अकेले लगभग आधे बाजार पर काबिज हो गई है. अप्रैल 2024 में यूपीआई के बाजार में फोनपे की हिस्सेदारी बढ़कर 49 फीसदी पर पहुंच गई. साल भर पहले यानी अप्रैल 2023 में कुल यूपीआई ट्रांजेक्शन में फोनपे की हिस्सेदारी 47 फीसदी थी.
इतनी बढ़ी गूगलपे की बाजार हिस्सेदारी
यूपीआई के बाजार में दूसरा सबसे ज्यादा मार्केट शेयर गूगलपे के पास है. गूगलपे की हिस्सेदारी अब बढ़कर अप्रैल 2024 में 38 फीसदी पर पहुंच गई, जो साल भर पहले अप्रैल 2023 में 35 फीसदी पर थी. इस तरह देखें तो टॉप-2 प्लेयर्स की यूपीआई बाजार में हिस्सेदारी मिलाकर 87 फीसदी हो जाती है.
पेटीएम को हुआ इतना नुकसान
पेटीएम को रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद नुकसान उठाना पड़ा है. यूपीआई में पेटीएम की बाजार हिस्सेदारी अब कम होकर अप्रैल 2024 में 8.4 फीसदी पर आ गई. यह हिस्सेदारी साल भर पहले अप्रैल 2023 में 13.3 फीसदी हुआ करती थी. यानी पेटीएम की हिस्सेदारी में लगभग 5 फीसदी की कमी आई है. इसका सबसे ज्यादा फायदा गूगलपे को हुआ है, जिसके शेयर में 3 फीसदी की वृद्धि आई है, जबकि फोनपे की बाजार हिस्सेदारी 2 फीसदी बढ़ी है.
70 से ज्यादा प्रमुख यूपीआई ऐप
इन तीन कंपनियों की यूपीआई के बाजार में हिस्सेदारी मिलाकर 95 फीसदी से ज्यादा हो जाती है. एनपीसीआई के अनुसार, भारतीय बाजार में यूपीआई पेमेंट की सुविधा देने वाले ऐप की संख्या तेजी से बढ़ी है. फ्लिपकार्ट, अमेजन, क्रेड जैसी कंपनियां भी ऐप के जरिए यूपीआई पेमेंट की सुविधा दे रही हैं. अभी ऐसे यूपीआई ऐप की संख्या लगभग 70 है, जिनसे हर महीने कम से कम 10 हजार यूपीआई ट्रांजेक्शन किए जा रहे हैं.
टेलीकॉम में दो बड़ी कंपनियों का दबदबा
यूपीआई बाजार में दो बड़ी कंपनियों की 85 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी से टेलीकॉम सेक्टर जैसी स्थिति बनने का पता चलता है. टेलीकॉम सेक्टर में देखें तो भारतीय बाजार में रिलायंस जियो और भारती एयरटेल का दबदबा है. भारतीय दूरसंचार बाजार में लगभग 40 फीसदी हिस्सेदारी के साथ रिलायंस जियो टॉप पर है, जबकि लगभग 33 फीसदी हिस्सेदारी के साथ एयरटेल दूसरे नंबर पर है. वोडाफोन आइडिया करीब 20 फीसदी हिस्सेदारी के साथ तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है.
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