विधायक रवींद्र वायकर (शिवसेना शिंदे), विधायक वर्षा गायकवाड़, विधायक प्रतिभा धानोरकर और मंत्री संदीपन भुमरे ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है.
कांग्रेस ने इस लोकसभा चुनाव में कई विधायकों को लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी मैदान उतारा था. चुनाव में कई नेताओं ने जीत का परचम लहराया. अब जो विधायक सांसद बन चुके हैं उन्हें विधायक पद छोड़ना पड़ेगा.
महाराष्ट्र में हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए महायुति गठबंधन को बड़ा झटका दिया है. महाराष्ट्र की 48 संसदीय सीटों में से कांग्रेस को 13 सीटों पर मिली जीत है.
2024 के चुनावों के लिए मतदान प्रतिशत 61.29 प्रतिशत रहा, जो 2019 के आम चुनावों में दर्ज 61.02 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है. महाराष्ट्र में कांग्रेस ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. बीजेपी और उसके सहयोगियों को महाराष्ट्र में इतने बड़े नुकसान की उम्मीद नहीं थी.
2019 में कांग्रेस को मिली एकमात्र सीट चंद्रपुर में इस साल कांग्रेस की प्रतिभा धानोरकर ने वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को हराकर महत्वपूर्ण जीत हासिल की है.
लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र से चुने गए 48 सांसद अब दिल्ली दरबार में अपनी आवाज बुलंद करने जा रहे हैं. 18वीं लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 में से 30 सीटों पर महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार निर्वाचित हुए हैं. वहीं महायुति के 17 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. सांगली से निर्दलीय उम्मीदवार विशाल पाटिल ने जीत हासिल की है और उन्होंने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा भी की है.
अब नवनिर्वाचित 48 सांसद संसद जाएंगे. हालांकि, इन 48 सांसदों में से 7 मौजूदा विधायक हैं। इसलिए इन सभी विधायकों को इस्तीफा देना होगा. इनमें से 2 विधानसभा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.
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