यह पूछे जाने पर कि क्या लोकसभा और राज्यसभा टिकटों को लेकर उनके साथ अन्याय हुआ है? ओबीसी नेता ने कहा कि सवाल उनसे पूछा जाना चाहिए. बारामती से लोकसभा चुनाव हारने के कुछ दिनों बाद सुनेत्रा पवार ने गुरुवार को आगामी राज्यसभा उपचुनाव के लिए NCP उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया.
नासिक सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार था- भुजबल
प्रफुल्ल पटेल के अपनी सीट खाली करने और फरवरी में छह साल की पूर्ण अवधि के लिए चुने जाने के बाद उपचुनाव की आवश्यकता हुई. छगन भुजबल ने कहा, ''मेरी इच्छा सांसद बनने की है इसलिए मैं नासिक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार था. जैसा कि मुझे बताया गया था कि मेरा टिकट दिल्ली में फाइनल हो गया है, मैंने काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन जब निर्णय (नाम की घोषणा करने का) एक महीने तक खिंच गया, तो मैंने काम करना बंद कर दिया क्योंकि ये एक तरह से अपमान था.''
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक भुजबल ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन में एनसीपी के सहयोगी शिवसेना के हेमंत गोडसे भी नासिक से टिकट पाने की कोशिश कर रहे थे. भुजबल ने कहा कि उन्होंने तब फैसला किया कि जिसे भी टिकट मिलेगा, उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं होगी. नासिक सीट पर शिवसेना (यूबीटी) के राजाभाऊ वाजे ने जीत हासिल की. भुजबल ने कहा कि जब पार्टी मामलों की बात आती है तो सभी चीजें किसी की इच्छा के मुताबिक नहीं होतीं.
सुनेत्रा पवार के नामांकन को लेकर पहले क्या कहा था?
उन्होंने आगे कहा, ''उन्हें टिकट न देने के कारण हो सकते हैं. कभी-कभी, यह नियति या किसी तरह की मजबूरी भी हो सकती है. जब उनसे पूछा गया कि क्या एनसीपी में 'वंशवादी राजनीति' चल रही है तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. गुरुवार को, भुजबल ने कहा था कि हालांकि वह राज्यसभा टिकट के इच्छुक थे, लेकिन वह सुनेत्रा पवार के नामांकन से नाराज नहीं हैं. इसे उन्होंने पार्टी का सामूहिक निर्णय बताया था.
लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन पर क्या बोले भुजबल?
लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर भुजबल ने कहा कि इसका विश्लेषण किया जाना चाहिए कि महायुति क्यों पिछड़ गई. , एनसीपी राज्य में चार सीटों पर चुनाव लड़ा और उनमें से एक पर जीत हासिल की. एनसीपी के साथ गठबंधन को लेकर बीजेपी की आरएसएस की आलोचना के बारे में भुजबल ने कहा कि उनका नाराज होना स्वाभाविक है. उन्होंने कहा, ''राज्य की 48 सीटों में से NCP को चुनाव लड़ने के लिए कितनी सीटें मिलीं? हमें सिर्फ चार सीटें मिलीं. इनमें से रायगढ़ और बारामती NCP की प्रमुख सीटें थीं और हमने रायगढ़ जीत लिया.''
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