उन्होंने कहा, ‘‘हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में हमने (एनसीपी-एसपी) केवल 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन इन 10 में से आठ उम्मीदवारों को चुनकर राज्य की जनता ने पूरे देश में यह संदेश दिया है कि राज्य का माहौल बदल रहा है.’’
उन्होंने कहा कि राज्य की बागडोर बीजेपी के हाथों में है, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान लोगों की भावनाओं को देखते हुए उन्हें यह स्पष्ट हो गया कि परिणाम अलग होने वाला है.
उन्होंने कहा, ‘‘(राज्य में) सत्ता में बैठे लोगों ने 31 सीटें खो दीं और महा विकास आघाडी (एमवीए) को इतनी ही सीटों पर सफलता मिली.’’ पवार ने कहा, ‘‘मतदाताओं द्वारा अपनी जिम्मेदारी निभाने के बाद अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम सत्ता का इस्तेमाल कृषि से जुड़े और पानी की कमी जैसे अन्य ज्वलंत मुद्दों को हल करने के लिए करें.’’
पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर पुणे जिले के पुरंदर, बारामती, इंदापुर और दौंड तहसीलों में सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए बैठक बुलाने की मांग की है. पवार ने 16 जून को लिखे पत्र में कहा कि राज्य सरकार ने सूखे जैसी स्थिति को कम करने के लिए क्षेत्र में सिंचाई योजनाएं शुरू की थीं, लेकिन जब उन्होंने हाल में इनमें से कुछ क्षेत्रों का दौरा किया तो उनके कार्यान्वयन में समस्याएं पाई गईं. उन्होंने सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में इस पत्र को साझा किया.
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