उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं. फैसले के बाद सब संशय खत्म हो गया है. सरकार ने इस चीज को गंभीरता से लिया है. गलती से 6 सेंटर पर गलत प्रश्न पत्र दिया गया. उस 6 सेंटर पर 1500 से ज्यादा छात्र पेपर दे रहे थे. कुछ विद्यार्थियों के नंबर 100 पसेंट आये. एनटीए ने एक्सपर्ट कमिटी बनाया. 23 जून को 1563 विद्यार्थी दोबारा पेपर देंगे.
विपक्ष के आरोप पर धर्मेन्द्र प्रधान
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के आर्डर का स्वागत करता हूं, अदालत के आदेश पर नीट पर शंका समाप्त हुई. सरकार पारदर्शिता और पेपर लीक पर अपना पक्ष रखेगा. नीट एक विश्वसनीय संस्था है, जो गड़बड़ी कर रहे हैं उनपर कार्रवाई होगी." उन्होंने आगे कहा, "अदालत के आदेश के बाद लोग बयान देकर अनावश्यक राजनीति कर रहे हैं. इसमें संशय की कोई बात नहीं है, विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. चुनाव में हार के बाद वो इस जैसे मुद्दे की तलाश कर रहे हैं."
23 जून को होगी परीक्षा
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, "24 लाख छात्र हैं, 13 लाख सफल हैं, 4500 देश में हैं. 13 भाषा हैं, गलती न हो जाए इसलिए एग्जाम के दिन सूचित किया जाता है. गलती से 4500 सेंटर में से 6 सेंटर में गलत पेपर पहुंचे, उसमें कुछ टाइम लॉस हुआ. 1563 स्टूडेंट के मन में आया कि टाइम लॉस हुआ है. एवरेज मार्किंग ग्रेस मार्किंग आधार बना, जिसे एनटीए ने अप्लाई किया. उसके बाद कुछ स्टूडेंट के नंबर सौ फीसदी हो गए. इसमें भी कुछ लोग कोर्ट गए उस बीच में, एनटीए ने एक्सपर्ट कमेटी बनाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है 1563 छात्रों को मौका दोबारा दिया जाए, 23 जून को दोबारा नीट परीक्षा होगी इनके लिए."
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